The smart Trick of hindi story That No One is Discussing

उसके अम्मी – अब्बू ने बकरी के बच्चे का सौदा सलीम से कर दिया।

विषधर अब शांत स्वभाव का हो गया। वह किसी को काटना नहीं था।

(एक)   "किरन! तुम्हारे कानों में क्या है?" उसके कानों से चंचल लट को हटाकर कहा—"कँगना।" "अरे! कानों में कँगना?" सचमुच दो कंगन कानों को घेरकर बैठे थे। "हाँ, तब कहाँ पहनूँ?

एक दिन किसान मंदिर को पार कर रहा था और उसने देखा कि पेड़ से बहुत सारे रसीले आम लटके हुए हैं। उसने चारों और देखा और पाया की आस पास कोई नहीं था। । यह अच्छा अवसर पाकर, उसने जल्दी से पेड़ से एक आम तोड़ा और उसे धोने के लिए सरोवर के किनारे चला गया। जैसे ही वह सरोवर में गया, उसने देखा कि कई मछलियाँ तैर रही हैं। उत्साहित किसान सरोवर से आधा दर्जन मछलियां पकड़कर खुशी-खुशी घर वापस चला गया

यह बच्चों के लिए एक गुजराती लोक कथा है।

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On this novel, a younger boy Bunti appears to be like at the grown-up world of his family via his kid eyes and wounded eyes. But irrespective of whether this novel is about Bunti or his mom Shakun is really a bone of rivalry. Shakun’s ambitions and self-importance for herself can be a problem for that family members, in the end resulting in her separation from her spouse. Within this conflict between a partner a wife, it really is Bunti who suffers quite possibly the most. The novel is very acclaimed and praised for its idea of child psychology.

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश

मोती कभी भी गाय को रोटी खिलाना नहीं भूलता। कभी-कभी स्कूल के लिए देर होती तब भी वह बिना रोटी खिलाए नहीं जाता ।

यह कहानी हमें कभी भी चोरी न करने और हमेशा नेक here रास्ते पर चलने की सीख देती है।

चिंटू काफी मशक्कत करता है फिर भी वह बाहर नहीं निकल पाता।

जिन्न ने क्या गलती की और क्या वह हमेशा उनके साथ रहा, यह जानने के लिए पॉडकास्ट सुनें

एक दिन राजा के नौकर ने ब्राह्मण से बक्शीश मांगी। ब्राह्मण कोई जवाब दिए बिना वहां से चला गया। नौकर ने ब्राह्मण को सबक सिखाने की ठानी। अगले दिन नौकर ने ब्राह्मण से कहा की राजा तुम से नाराज हैं क्योंकि उन्हें तुम्हारे मुँह से दुर्गन्ध आती है। ब्राह्मण घबरा गया और अगली बार राजा से मिलने अपने नाक मुँह पर कपड़ा रख कर गया।

लेकिन ख़ुद सोचें कि क्या इसी कहानी में यह वाक्य कमतर था :

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